क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो अपनी Website पर Content Post कर-कर के थक चुके हैं लेकिन Website न ही Rank हो रही है और न ही Results मिल रहे हैं?
यदि हाँ, तो शायद आप एक ऐसी Strategy को नज़रअंदाज़ कर रहें हैं जो Website को Search Engine पर Rank कराने के लिए ज़रूरी है।
इस Strategy का नाम है Search Engine Optimization (SEO)!
आज के Blog में हम आपको इसी Strategy से रूबरू कराएंगे और SEO क्या है, SEO कैसे काम करता है, Google Algorithms क्या हैं, SEO Ranking Factors इत्यादि के बारे में विस्तार से बताएंगे।
तो बने रहिए इस Blog में अंत तक, आपको निश्चित की कुछ Valuable Information प्राप्त होगी।
इसे भी पढ़ें : YouTube SEO Checklist
Table of Contents
What is SEO - SEO Kya hai ?
किसी भी Website को अपनी Audience के सामने लेकर जाने का सबसे Best Organic Way है SEO.
SEO का Full Form है Search Engine Optimization.
जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है, इसके अंतर्गत एक Website को Search Engine के लिए Optimize करना पड़ता है, जिसमे Web Pages से लेकर उसके Content, Design, Structure, and Links को Optimize करना पड़ता है।
इन्हें Optimize करने के लिए विभिन्न Steps को Follow करना पड़ता है और कुछ ज़रूरी Guidelines का ध्यान रखना पड़ता है।
एक बार Website जब Search Engine के First Page पर Rank हो जाती है तो आपको Free Traffic मिलने लगता है, जिसे आप अपने Goal के हिसाब से Utilize कर सकते हैं।
*SEO Benefits को जानने के लिए पढ़िए हमारा यह Detailed Blog.
Advanced Web Ranking के अनुसार, 67% Clicks, Search Engine (Google) पर Ranked पहले पांच Results पर आते हैं।
ऐसे में आप इस बेहतरीन Organic Strategy को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।
तो चलिए यहां तक आपको SEO Kya hota hai का मतलब समझ आ गया होगा। आगे बढ़ने से पहले आइये SEO Related Terminologies को जान लेते हैं, ताकि आपको इस Process में Use होने वाले Technical Terms का मतलब पता लग सके।
SEO Terminologies
Search Engine : Search Engine एक ऐसा Program or Software होता है जिसकी मदद से लोग Online अपनी Queries को सर्च कर सकते हैं और उनका जवाब ढूंढ सकते हैं।
इसके लिए कुछ Keywords or Phrases का Use करना पड़ता है। Search Engine के प्रमुख उदाहरण हैं Google & Bing.
Keyword : Keyword कुछ Words का एक ऐसा Combination होता है जिसका उपयोग लोग अपनी Queries को Search Engine में सर्च करने के लिए करते हैं।
Keyword किसी Specific Product, Service, and Content को दर्शाता है। उदाहरण – What is SEO, Search Engine Optimization kya hai, What is a Website, What is Affiliate Marketing, Best Laptops Under 40,000, etc.
Crawlers : Crawlers or Spiders एक तरह के Bots होते हैं जो Google द्वारा Operate किए जाते हैं।
इनका काम होता है आपकी Website पर Posted Content को Read करना, समझना और Ultimately उसे Index करना ताकि वो Website Search Result Page पर Appear हो सके।
Indexing : Indexing एक ऐसा Process होता है जिसके तहत एक Search Engine आपकी Website Information को Collect, Store, and Organize करता है।
Website Information Index होने से आपकी Information किसी User के पास Nano or Micro Second से भी कम में पहुँचती है।
SEO Audit : यह एक ऐसा प्रोसेस होता है जिसके तहत एक Website की Performance को Search Engine के हिसाब से Analyze किया जाता है।
इसका मकसद होता है उन Factors को जाँचना जो Website की Rank करने की Ability को Impact करते हैं।
Domain Authority : यह एक Search Engine Score होता है जो किसी Website को उसकी Rank होने की Capability & Performance के आधार पर दिया जाता है।
Domain Authority को Moz ने Develop किया था और आज ये Website के Potential को जानने के सबसे महत्वपूर्ण Factors में से एक है।
Page Authority : Page Authority भी Moz द्वारा Developed एक Factor है जो Website Page के Search Engine में Rank होने की सम्भावना को Predict करता है।
इसकी Value 1-100 के बीच में होती है और जितनी ज़्यादा Value उतनी ज़्यादा Ranking की सम्भावना।
SEO Terminologies को समझने के बाद आइये अब देखते हैं कि आखिर Search Engine Optimization कैसे काम करता है? (How Does SEO Work)
How Does SEO Work?
SEO का प्रमुख कार्य होता है किसी Website को Search Engine Results Page (SERP) में रैंक कराना।
हालाँकि, Rank होने से पहले Website Content का Crawl & Index होना ज़रूरी है।
Website को Rank करने के लिए Google 200 से भी अधिक Ranking Factors पर Depend करता है जो Google Algorithms पर आधारित होते हैं।
यदि इनमे से कुछ मुख्य Factors की बात की जाए तो उनमे शामिल हैं – Content Relevancy, Links, Site Structure, Domain Age, Page Loading Speed etc.
यदि हम SEO Working की बात करें तो इसमें मुख्य रूप से तीन Components शामिल हैं – Technical Setup करना, Website Content Optimize करना, और Relevant Links Build करना शामिल है।
*Ads के माध्यम से Website को Rank कराना और उस पर Traffic Gain करना Search Engine Marketing (SEM) कहलाता है।
SEO Vs. SEM के बीच के अंतर को जानने के लिए पढ़िए हमारा Blog : SEO Vs. SEM In Hindi
Technical Setup
Technical Setup में आपको अपनी Website के Structure, URLs, Navigation इत्यादि को Analyze करना पड़ता है।
एक User के लिए Web Page अलग-अलग Graphics, Colors, Text, Links, Formatting का एक Collection होता है।
वहीं दूसरी तरफ, Search Engine Crawler के लिए यह केवल Texts का एक Collection होता है।
इसलिए Search Engine के पास सही तरीके से अपनी Information पहुंचाने के लिए आपको अपनी Website पर कुछ Technical Setups करने पड़ते हैं।
यदि हम कुछ प्रमुख Technical Setups की बात करें तो वो कुछ इस प्रकार हैं:
Navigation : Search Engine Crawlers आपकी Website के Different Web Pages को Navigate करने के लिए Links का सहारा लेते हैं।
हालांकि, जैसा हमने ऊपर कहा है कि Crawlers को Webpage केवल Text Form में ही दिखता है, आपके Links हमेशा Text Form में ही होने चाहिए।
URL Structure : URL को हमेशा Short रखने की कोशिश करें। इसके साथ ही यदि आप इसमें अपना कोई Primary Keyword Use कर सकें तो ज़रूर आपके लिए एक Plus Point होगा।
Page Speed & Bounce Rate : Page Speed दर्शाता है कि आपका Web Page कितने समय में Load हो रहा है। Page Speed को Impact करने वाले Factors में शामिल है – High-Resolution Images, Heavy Videos, Graphics, Heavy Theme, etc.
वहीं दूसरी तरफ, Bounce Rate बताता है कि कोई User आपकी Website पर आने के बाद वहां से कितनी जल्दी Move कर रहा है।
यदि Bounce Rate ज़्यादा है तो Google ये समझता है कि Content की Quality Low है और Content User Friendly नहीं है।
ये आपकी Website Ranking को Negatively Impact करता है।
Broken Links Redirect : Broken Links ऐसे Links होते हैं जो काफी समय पहले आपने अपने किसी Webpage के लिए बनाए होते हैं, परन्तु अब उनकी कोई Existence नहीं है।
ऐसे में यदि User उस Links के माध्यम से कोई Information लेना चाहे तो उसे कोई Page ही नहीं दिखता।
इससे Search Engine Indexing भी नहीं हो पाती और आपका User Experience भी खराब हो जाता है।
इसलिए, यह ज़रूरी है कि SEO के दौरान अपने Broken Links को Check करके हटा दिया जाए या उन्हें Redirect कर दिया जाए।
Sitemaps and Robots.txt File : Sitemap एक ऐसी File होती है जो आपकी Website के सारे URLs को अपने पास List करके रखती है।
इससे Search Engine को यह पता लगता है कि किस Page को Crawl & Index करना है।
वहीं दूसरी तरफ, Robots.txt File से Search Engine Crawlers को यह पता लगता है कि किस Page को Crawl & Index नहीं करना है।
Technical Setup के लिए इन दोनों ही Files का होना बेहद ज़रूरी है।
Website Content Optimization
इस Process के तहत आपको अपने Website के विभिन्न Pages और अन्य Content जैसे Blogs, Articles, Newsletters इत्यादि को Search Engine Algorithms के हिसाब से Optimize करना होता है।
Optimize करने के लिए Keyword Research & Placement, On-Page SEO, Technical SEO को सही से Implement करना पड़ता है।
Keyword Research के अंतर्गत आप Profitable, Relevant, Less Competitive, and High Volume Keywords को Find करते हैं और अपनी Content Strategy Plan करते हैं।
लेकिन, Keyword Research कैसे करते हैं (How to Perform Keyword Research)?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको इस Blog में अंत तक बने रहना होगा।
सही Keyword Placement के लिए आपकी Website के लगभग सभी Products & Service Pages पर Primary & Secondary Keywords होने चाहिए और आपका Content Structure सही होना चाहिए।
वहीं On-Page and Technical SEO को Perform करने के लिए कुछ Factors को Implement करना पड़ता है। इसमें मुख्यतः शामिल हैं Title Tag, Meta Tag, Meta Description, Alt Text, etc.
इसके साथ ही यदि आप अपने Web Page पर कोई Image Use कर रहे हैं तो उसे भी SEO के हिसाब से Optimize करना ज़रूरी है।
इसके लिए आपको उसके नाम में Alt Text का Use करना पड़ेगा जिसमे आपका Keyword होना ज़रूरी है।
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Link Building
यह Off-Page SEO का एक बहुत ही महत्वपूर्ण Component है जो Ranking Decide करने में मदद करता है।
Links मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं – Inbound, Outbound, and Internal Links.
Inbound Links : ये ऐसे Links होते हैं जो किसी अन्य Web Page से आपकी Website पर आते हैं।
किसी High Domain Authority Website से आपकी Website को Link करने से Google को एक Positive Signal जाता है और वो समझता है कि आपका Content Relevant है।
Relevancy किसी भी Content को Rank करने के लिए जिम्मेदार है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि हमेशा ही एक Powerful & Relevant Content Create करें ताकि आपको High Authority Website से Link मिल सके।
Outbound Links : अपनी Website से किसी अन्य Web Page को दिए गए Links Outbound Links कहलाते हैं।
Outbound Link देते समय भी आपको ध्यान रखना चाहिए कि जिस भी Website को आप Link दे रहे हैं उसकी High Authority हो।
इससे Google को पता लगता है कि आप Quality Content Create कर रहे हैं और अपने Users तक सही Information पहुंचा रहे हैं।
Internal Links : ये ऐसे Links होते हैं जो आप अपनी Website के विभिन्न Pages को देते हैं।
Internal Link देने से आपकी Website की Quality & Value बढ़ती है और आप अपने High Authority वाले Web Page का Link Juice अपने Low Authority वाले Page पर भेज सकते हैं।
तो इस तरह SEO काम करता है और आपकी Website को SERP में Rank करने में मदद करता है।
लेकिन, आपको एक बात याद रखनी होगी कि Websites की Ranking हमेशा ऊपर-नीचे होती रहती है।
कोई Website आज First Position पर है तो कल शायद Top 5 से ही बाहर हो जाये।
ये सब आपके Content Freshness, SERP Competition, और Algorithms में Change की वजह से होता है।
ऐसे में ज़रूरी है कि आप लगातार Fresh Content Post करते रहें और Algorithms में हुए बदलावों पर नज़र हमेशा रखें।
What is Keyword Research और ये क्यों ज़रूरी है?
Keyword Research वो Strategy होती है जिसके तहत Niche Relevant, Audience Centric, and Most Profitable Phrases or Keywords को सर्च किया जाता है और अपने Content Strategy में Implement किया जाता है।
Right Keyword Selection & Placement किसी भी Website को रैंक करने के लिए उत्तरदायी होते हैं।
लेकिन अधिकतर लोगों का सवाल ये होता है कि Keyword को Find कैसे करते हैं (How To Find Keywords For SEO) और क्यों ये SEO के लिए ज़रूरी है? (Why Keywords are Important For SEO or Keyword Research Benefits)
आइये इस सवाल का ज़वाब जानने का प्रयास करते हैं।
- Keyword Find करने के लिए कुछ Tools का Use किया जाता है जिनमे Free & Paid दोनों ही तरह के Tools शामिल हैं – Google Keyword Planner, Ubersuggest, Ahrefs, SemRush, Keyword.io, AnswerThePublic, etc.
- इन Tools के अलावा आप Relevant Keywords Find करने के लिए Google Suggestion and Google Trends का भी उपयोग कर सकते हैं।
इसके लिए आपको बस अपने Main Keyword को Google Search में Type करना है और Google आपको अपने आप ही अपने Autosuggestion Feature की मदद से Relevant Keywords Provide कर देता है।
अब यदि Keyword Research के फायदों की बात करें तो इससे आपको निम्न Benefits मिलते हैं :
- आपको आपकी Target Audience द्वारा सर्च किये जाने वाले Topics & Subtopics की जानकारी मिल जाती है।
- आप अपने Competitors की Ranking Strategy को समझ पाते हैं और अपनी Content Strategy में बदलाव कर पाते हैं।
- आप जान पाते हैं कि एक ही चीज़ को कैसे कई तरीके से पूछा जा सकता है। (E.g. SEO क्या है, SEO क्या होता है, SEO Meaning क्या है)
- आपको Competitive Keywords की जानकारी मिलती है जिससे आप अपनी Website के लिए Suitable Keyword Select कर पाते हैं।
लेकिन, Keyword Research करते वक्त हमें किन Factors का मुख्य रूप से ध्यान रखना पड़ता है?
इसे जानने के लिए पढ़िए हमारा अगला Section जो है Different Keyword Metrics के बारे में।
Different Keyword Metrics
Best Relevant Keywords को Find करने के लिए तीन Factors बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं – Search Volume, Keyword Difficulty, and Keyword Relevancy.
Search Volume : Search Volume दर्शाती है कि किसी Keyword के बारे में लोग कितना सर्च कर रहें हैं।
ज़्यादातर Cases में High Search Volume Keywords को Select किया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन्हें अपने Content में Use करने से Website कम समय में Rank हो सकती है।
लेकिन, यह हमेशा सही नहीं होता। Basically, Long-Tail Keywords की Search Volume हमेशा ही कम होती है लेकिन उन पर Rank करने के Chances उतने ही ज़्यादा होते हैं।
*Long-Tail Keywords ऐसे Keywords होते हैं जिनमे शब्दों की संख्या अधिक होती है और किसी Topic के लिए थोड़े ज़्यादा Specific होते हैं।
एक Well-Established Website अपने Content में High Competition वाले Short-Tail Keywords का Use कर सकती हैं और आसानी से SERP में रैंक कर सकती हैं।
लेकिन, यदि आपकी Website एकदम नई है तो आपको शुरुआत में Long-Tail Keywords पर ही फोकस करना चाहिए।
Keyword Difficulty : Keyword Difficulty बताती है कि एक Website को Search Engine पर Rank करना कितना आसान या मुश्किल है।
ये आम तौर पर 0-100 के बीच रहती है और जितनी अधिक Value उतना ही मुश्किल उस Website को उस Keyword पर Rank कराना।
Keyword Difficulty को पहले से Ranked Websites की Authority के आधार पर Decide किया जाता है।
इसकी मदद से आप अपने लिए केवल उन ही Keywords को Select कर पाते हैं जिनका Difficulty Level कम हो और आपको Results लाकर दे सके।
Keyword Relevancy : आपका Selected Keyword Relevant To User Query होना चाहिए।
आपको देखना होता है कि जिस Keyword के लिए आप अपने Content को Optimize करना चाहते हैं, उसके पीछे का Search Intent क्या है।
Search Intent को मुख्यतः चार भागों में बांटा गया है – Navigational, Informational, Transactional, Commercial.
Navigational में कोई व्यक्ति किसी Brand, Website, Product, and Service Page तक पहुंचना चाहता है।
Informational में User किसी चीज़ की जानकारी चाहता है।
Transactional में User किसी Product या Service को Online Buy करना चाहता है।
Commercial में User अपनी Final Purchase से पहले उस Product या Service के बारे में पूरी तरह से जान लेना चाहता है।
इन सभी Search Intents को जानने के लिए आपको SERP Analysis करना पड़ता है।
इसके तहत आप SERP पर Ranked Top Websites को Analyze करते हैं और देखते हैं कि क्या आपका Selected Keyword Relevant है और क्या आप उन Top Ranked Websites को De-rank कर पाओगे।
इस तरह ये कुछ Factors होते हैं जो Keyword Research में बहुत मायने रखते हैं और इसे आसान बनाते हैं।
Google’s EAT Guidelines
क्या आप जानते हैं कि Google के पास अपने Algorithms के अलावा भी ऐसे लाखों Quality Raters होते हैं जो Search Results & Web Pages को Evaluate करते हैं।
ये Raters, Users का Search Engine Experience बेहतर बनाने की दिशा में कार्यरत रहते हैं और Search Results को अपनी Expertise, Authority, and Trust के हिसाब से Evaluate करते हैं।
हालांकि, इन Raters का Website की Ranking पर Direct Impact नहीं होता, लेकिन फिर भी ये Search Engine को Results की Quality Assess करने में मदद करते हैं।
इन Quality Raters के लिए Google की कुछ Evaluator Guidelines होती हैं जिसमे वो बताता है कि एक High-Quality Page की,
- एक High Level Expertise होनी चाहिए
- High Authority होनी चाहिए
- High Trustworthiness होनी चाहिए
इस तरह आपके Web Page का एक EAT Score बनता है जो हमेशा High होना चाहिए।
लेकिन, सवाल ये आता है कि EAT Score को High कैसे करें? (How to Improve Your EAT Score)
इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:
Accurate & High-Quality Content : यदि आपको अपनी Niche में अपनी Expertise & Authority दिखानी है तो आपका Content हमेशा Accurate, To the Point, and High-Quality का होना चाहिए।
आप जो भी Information Share करें, वो Relevant होनी चाहिए और आपके Niche Audience के मतलब की होनी चाहिए।
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Be Thorough In Producing Content : आप ध्यान रखें कि आपकी Information Accurate होने के साथ-साथ Comprehensive भी हो।
इससे आप अपनी बात को और अपनी Knowledge को बेहतर तरीके से अपनी Audience तक पहुंचा पाएंगे जिससे उनका आप के ऊपर Trust बनेगा।
Always Speak Your Audience Language : किसी भी Content Marketing Strategy में Target Audience को समझना बेहद ज़रूरी है।
इससे आपको उनके Behavior, Passion, Interest, Tone, Requirements, Problems इत्यादि का पता चलता है।
इससे आप उन्हें उनकी ज़रूरत का Content दे पाते हैं और उनका Trust Gain कर पाते हैं।
इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने EAT Score को बढ़ा पाते हैं जिससे Google की नज़रों में आपकी एक Authority बनने लगती है।
आइये अब Google Algorithms के बारे में चर्चा करते हैं और समझते हैं कि Search Engine Optimization पर इसका क्या Impact होता है।
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Google Algorithms और Website Ranking पर इनका प्रभाव
Google Algorithms ऐसी Guidelines होती हैं जो किसी Website को कुछ ही समय में Rank or De-rank कर सकती है।
Google अपने Algorithms में लगातार बदलाव करता रहता है और नए-नए Updates लाता रहता है।
इन Updates को लाने के पीछे कुछ Reasons होते हैं जिनमे User Experience को अच्छा बनाना सबसे प्रमुख Reasons में से एक है।
अपने इस Complex System की मदद से ही Google किसी Search Query के Most Relevant Pages को Find and Rank कर पाता है।
Google समय-समय पर अपने Algorithms में बदलाव करता रहता है और नई-नई Updates लेकर आता रहता है।
इसकी कुछ प्रमुख Updates की बात करें तो इसमें शामिल हैं – Google Panda Update (2011), Google Penguin Update (2012), Google Hummingbird Update (2013), Mobile Update (2015).
लेकिन, अब सवाल ये आता है कि Google Algorithm Updates का Impact एक Website पर कैसे पड़ता है? (How Does Google Algorithms Impact Website Ranking)
आइये इन Updates के माध्यम से इसे समझते हैं।
- Google Panda Update ने Low-Quality Pages, Thin Content, Duplicate Content, and Keyword Stuffing पर प्रमुखता से फोकस किया।
ऐसे में उन Websites को काफी हानि पहुंची जो Duplicate Content या Low Quality Content Create कर रहे थे।
2. Google Penguin Update में Low Quality, Spammy, Irrelevant, and Over-Optimized Links को Target किया गया।
इससे उन लोगों की Website कुछ ही समय में Rank कर गई जिन्होंने High Quality Linking Approach का Use किया हुआ था।
3. Google Hummingbird Update ने Google की User Search Query को समझने और Interpret करने में मदद की।
इससे User Query के Relevant Topic वाली Websites को काफी फायदा हुआ।
4. Google Pigeon Update (2014) ने Local SEO Results की Quality & Accuracy को बढ़ाने में मदद की।
इससे Local Businesses को काफी फायदा पहुंचा।
5. इसी तरह Google Mobile Update ने SEO Community में एक क्रांति सी ला दी, जहां अब Mobile Friendly Pages को भी महत्व दिया जाने लगा।
ऐसे में अब Website को Responsive & Mobile Friendly बनाना बहुत ज़रूरी हो गया था।
इन सभी के अलावा अन्य Updates भी देखने को मिली जिन्होंने User Experience को बेहतर बनाने और Valuable Websites को Rank करने में मदद की।
SEO Ranking Factors for Website
Google का Complex Algorithm किसी भी Website को जांचने, परखने और रैंक करने के लिए लगभग 200 Factors का Use करता है।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपको इन सभी 200 SEO Ranking Factors को Master करने की ज़रूरत है, आप केवल कुछ प्रमुख Factors को ध्यान रख सकते हैं और उन्हें अपनी SEO Strategy में Implement कर सकते हैं।
उन प्रमुख Ranking Factors में शामिल हैं,
- Content Quality
- Content Uniqueness
- Content Freshness
- Crawlable Web Page
- Content Relevancy
- Mobile Optimized Website
- Site Loading Speed
- Backlinks
- E.A.T
- Domain Authority
इन सभी SEO Factors को आपको अपनी Website के Web Pages में Implement करना होगा जिससे Search Engine को एक अच्छा सिग्नल जाता है और वो आपके Web Pages को भी धीरे-धीरे SERP में Rank करने लगता है।
बेशक, इन सभी Factors की अपनी-अपनी Importance है, लेकिन, ये सभी Factors, User Experience को बेहतर बनाने और एक High-Quality Website को Rank कराने के लिए ज़िम्मेदार हैं।
*Effective Content Creation को समझने के लिए पढ़िए हमारा यह Detailed Blog
Conclusion
आज के डिजिटल युग में एक Website जितनी ज़रूरी है उतना ही ज़रूरी है उसका Search Engine Result Page में Rank करना।
*Website क्यों ज़रूरी है पढ़ें इस Blog में।
एक Website को Organically Rank कराने के लिए Search Engine Optimization Strategy को Use किया जाता है।
इसके तहत Website के विभिन्न Web Pages & उन पर Posted Content को Search Engine Algorithms के हिसाब से Optimize किया जाता है।
SEO को Perform करने के लिए Keyword Research, Content Optimization, On-Page, Off-Page SEO का Use किया जाता है और EAT Guidelines को Follow किया जाता है।
लेकिन, Website की Ranking हमेशा ऊपर-नीचे होती रहती है, जिसके पीछे का मुख्य कारण होता है Content Freshness & Google Algorithm Updates.
Google Algorithms के Complex System में 200 से भी ज़्यादा Ranking Factors होते हैं जो Website की Rank को Decide करते हैं।
इसमें से 10 प्रमुख Factors को हमने इस Blog में बताया है।
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8 Responses
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Thank You So Much Dharam Ji
Keep Learning, Keep Implementing!
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